श्रावण प्रारम्भ - जानें सम्पूर्ण व्रत पर्व की सूची | श्रावण मास प्रारंभ 2023 |
श्रावण प्रारम्भ - जानें सम्पूर्ण व्रत पर्व की सूची |
श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा के अगले दिन, यानि प्रतिपदा तिथि से होता है। इस बार अधिकमास होने के कारण श्रावण 58 दिन का, यानि लगभग 2 महीने का रहेगा। ऐसे में श्रावण मास में कुल 8 सोमवार व्रत आएंगे और 9 मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे। कहा जा रहा है कि ऐसा शुभ संयोग 19 सालों के बाद बना है।
2. कैसे बनता है अधिकमास का अद्भुत संयोग
शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु को अधिक मास का स्वामी माना जाता है, इस कारण इसे पुरुषोत्तम मास कहते हैं। ऐसे में श्रावण व अधिकमास दोनों एक साथ पड़ने से भक्त हरि एवं हर दोनों की उपासना कर मनोवांछित फल पा सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैदिन पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है। जहां चंद्रमास 354 दिनों का होता है, वहीं सौर मास 365 दिन का होता है, ऐसे में 11 दिन का अंतर आता है और 3 साल के अंदर यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिकमास कहते हैं।
3. कब- कब पड़ेंगे श्रावण के सोमवार
श्रावण प्रथम सोमवार: 10 जुलाई
श्रावण द्वितीय सोमवारः 17 जुलाई
श्रावण अधिकमास का प्रथम सोमवार : 24 जुलाई
श्रावण अधिकमास का द्वितीय सोमवार: 31 जुलाई श्रावण अधिकमास का तृतीय सोमवार: 7 अगस्त
श्रावण अधिकमास का चतुर्थ सोमवारः 14 अगस्त
श्रावण तृतीय सोमवार : 21 अगस्त
श्रावण चतुर्थ सोमवारः 28 अगस्त
4. श्रावण सोमवार का महत्व क्या है
श्रावण मास भगवान शिव को अति प्रिय है, इसलिए इस महीने अपने भक्तों की उपासना से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और उनकी सारी मुराद पूरी करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो शिव भक्त श्रावण के सोमवार का व्रत रखते हैं, उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है, निर्धन व्यक्ति को धन धान्य का आशीर्वाद मिलता है, और रोगी व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके अलावा एक मान्यता ये भी है कि श्रावण सोमवार का व्रत रखने व भगवान शिव की उपासना करने से चंद्रदोष का प्रभाव भी समाप्त होता है।
5. श्रावण मास में पड़ने वाले व्रत-त्यौहार
• 6 जुलाई, गुरुवार- गजानन संकष्टी चतुर्थी
• 13 जुलाई, गुरुवार- कामिका एकादशी • 14 जुलाई, शुक्रवार प्रदोष व्रत
• 15 जुलाई, शनिवार- मासिक शिवरात्रि • 16 जुलाई, रविवार - कर्क संक्रांति
• 17 जुलाई, रविवार श्रावण अमावस्या • 29 जुलाई, शनिवार- पद्मिनी एकादशी
• 30 जुलाई, रविवार - प्रदोष व्रत
• 1 अगस्त, मंगलवार- पूर्णिमा व्रत
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4 अगस्त, शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी
• 12 अगस्त, शनिवार- परम एकादशी
• 13 अगस्त, रविवार- प्रदोष व्रत
• 14 अगस्त, सोमवार- मासिक शिवरात्रि
• 16 अगस्त, बुधवार- अमावस्या
• 17 अगस्त, गुरुवार- सिंह संक्रांति
• 19 अगस्त, शनिवार- हरियाली तीज • 21 अगस्त, सोमवार- नाग पंचमी
• 27 अगस्त, रविवार- पुत्रदा एकादशी • 28 अगस्त, सोमवार प्रदोष व्रत
• 29 अगस्त, मंगलवार- थिरुवोणम
• 30 अगस्त, बुधवार- रक्षा बंधन
• 31 अगस्त, गुरुवार श्रावण पूर्णिमा
श्रावण मास में शिव जी को क्या-क्या अर्पित करें
गंगाजल - श्रावण मास में गंगाजल से शिवलिंग का गंगा अभिषेक करने से सुख-समृद्धि मिलती है।
• केसर- शिवलिंग पर केसर से अभिषेक करने पर जातक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
गन्ने का रस- जो जातक निर्धनता से छुटकारा पाना चाहते हैं, वे श्रावण मास में गन्ने के रस से शिव जी का अभिषेक करें।
• इत्र- मानसिक तनाव से पीड़ित भक्त भगवान शिव को इ चढ़ाएं, इससे जीवन में शांति आती है।
दूध-संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले जातक श्रावण मास में भोलेनाथ को दूध अर्पित करें।
दही- किसी कार्य में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए शिवलिंग पर दही चढ़ाएं।
घी - जो लोग स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, वे अच्छी सेहत घी से भोलेनाथ का अभिषेक करें।
चंदन-सुख और शांति की इच्छा रखने वाले भक्त श्रावण मास में शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं।
शहद- मान-सम्मान व पद-प्रतिष्ठा पाने के लिए शहद से शिललिंग का अभिषेक करें।
भांग धतूरा - भोलेबाबा को शीघ्र प्रसन्न करने व मनोवांछित फल पाने के लिए उन्हें भांग, धतूरा व बेलपत्र अर्पित करें।
तो यह थी श्रावण प्रारंभ से जुड़ी संपूर्ण जानकारी । आप भी इस पूरे मास सच्चे मन से शिव जी की पूजा अर्चना करें, अवश्य ही भोलेनाथ आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण करेंगे। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' पर|
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