banner कैलेंडर का आविष्कार किसने किया (Calendar Ka Avishkar Kisne Kiya) - Smart Study

कैलेंडर का आविष्कार किसने किया (Calendar Ka Avishkar Kisne Kiya)

कैलेंडर का आविष्कार किसने किया (Calendar Ka Avishkar Kisne Kiya) 


आज दुनिया भर में जिस कैलेंडर का उपयोग किया जा रहा है, रोमन सम्राट जूलियस सीजर द्वारा ज्योतिषी सोसिजिनीस की सहायता से ईसा पूर्व के पहली शताब्दी में कैलेंडर को बनाया गया। इस कैलेंडर की शुरुआत जनवरी से मानी जाती है।

कैलेंडर को अलग-अलग देशों द्वारा अपने अनुसार बनाया गया। जिसमें से सबसे पहले इजिप्ट कैलेंडर आया, फिर इस्लामिक कैलेंडर, उसके बाद रोमन कैलेंडर, जूलियन कैलेंडर और फिर ग्रेगोरियन कैलेंडर आया। और फिर इन्हीं सभी कैलेंडर के गुणों को आपस में मिलाकर के एक संपूर्ण कैलेंडर बनाया गया। जिसका इस्तेमाल आज के समय में पूरी दुनिया करती है।

कैलेंडर का आविष्कार कब हुआ

वैसे तो कैलेंडर से जुड़े हुए बहुत से इतिहास है। परंतु यह माना जाता है कि कैलेंडर का अविष्कार आज से करीबन 3500 ईसा पूर्व पहले किया गया है, जो कि सूर्य और चंद्रमा की गति पर आधारित था। उसके बाद करीबन 2500 साल पहले चीनी कैलेंडर का निर्माण किया गया जो कि ईसा से 57 वर्ष पहले विक्रम संवत अस्तित्व में आया।

दुनिया का सबसे पहला कैलेंडर कौन सा है?

दुनिया का सबसे पहला कैलेंडर जूलियन कैलेंडर था इस कैलेंडर में साल की 10 महीने हुआ करते थे जो हमारे भौतिक और भौगोलिक जीवन से बिल्कुल अलग थे।
हम सभी को पता है पृथ्वी की एक चक्कर खत्म होने पर 1 साल होता है जिसमें 12 महीने होने चाहिए इसी को देखते हुए कैलेंडर में बदलाव करते हुए ग्रिगोरियन कैलेंडर को बनाया गया। पहला जूलियन कैलेंडर रूस में बनाया गया था उसके बाद ग्रिगोरियन कैलेंडर अमेरिका में बनाया गया।

भारत में कैलेंडर का आविष्कार कब हुआ?


भारत में सबसे जिस कैलेंडर को अपनाया गया था उसका नाम विक्रम सवंत कैलेंडर था। परंतु भारत में कैलेंडर का आविष्कार 22 मार्च 1957 को भारतीय सरकार द्वारा किया गया था जिसका नाम शक सवंत पंचांग था जिसे राष्ट्रीय कैलेंडर के नाम से भी जाना जाता है। सरकारी कैलेंडर में ग्रिगोरियन कैलेंडर के साथ इस कैलेंडर को भी उपयोग में लाया जाता था।


कैलेंडर का इतिहास


पहले के समय में जब कैलेंडर नहीं हुआ करता था तब लोग दिन-रात का फैसला चंद्रमा और सूरज से करते थे उसी प्रकार कौन सा महीना कब आएगा यह मौसम पर निर्भर करता था। त्योहारों का पता ज्योतिषी लोग लगाया करते थे इसमें कई बार गड़बड़ भी हो जाती थी।


इसको देखते हुए कैलेंडर बनाने का अनुमान लगाया गया। जिसके बाद चीन द्वारा कैलेंडर बनाया गया और रूस द्वारा जूलियन कैलेंडर का निर्माण हुआ जिसमें केवल 10 महीने थे।


इसमें सुधार करते हुए ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाया गया जिसका उपयोग आज भी कई क्षेत्रों में किया जाता है। बदलते समय के साथ और भी कैलेंडर बनने लगे जैसी विक्रम संवत कैलेंडर l


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