नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर
नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर, जिसे उच्चावाची टाइगर (Panthera tigris tigris) के रूप में भी जाना जाता है, भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित एक जीव धारित जीवधारिणी क्षेत्र है। यह क्षेत्र नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर अभयारण्य में स्थित है, जो नागार्जुनसागर और श्रीशैलम नगरों के बीच विस्तृत है। यह अभयारण्य दक्षिण भारत में सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर अभयारण्य में प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का विस्तार है। यहाँ प्राकृतिक वातावरण, जंगली और घास के मैदान, झरने, नदियाँ और झीलें हैं, जो इसके निवासियों को शरण सुरक्षा और भोजन की सुविधा प्रदान करती हैं। यहाँ की वन्य जीवन विविधता दुनिया भर के प्राकृति प्रेमियों को आकर्षित करती है।
नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर अभयारण्य में विशेष रूप से टाइगर के लिए विख्यात है। यहाँ का टाइगर प्रजाति अनुकूल पर्यावरण में प्रजनन और वृद्धि करने के लिए अनुकूल है। यहाँ के टाइगर पोपुलेशन को "कट्टेला नागार्जुनसागर टाइगर पोपुलेशन" के रूप में भी जाना जाता है। इस अभयारण्य में अन्य महत्वपूर्ण जीव जंतुओं में चीतल, सांभर, लंगूर, भालू, जंगली सुअर और विभिन्न पक्षी जातियाँ शामिल हैं।
नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर अभयारण्य जीवनी संरक्षण और प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण है। यह जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण, बाघ संरक्षण, जल संरक्षण, पर्यावरणीय शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। यहाँ के कार्यक्रमों और पर्यटन संबंधी गतिविधियों द्वारा नगरों की आर्थिक संभावनाओं में सुधार होता है और स्थानीय जनसंघ को आय और रोजगार का अवसर प्रदान करता है।
नगार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर अभयारण्य एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा है जो जीवनी संरक्षण, पर्यटन, और स्थानीय आर्थिक विकास को संतुष्टि प्रदान करती है। इसके माध्यम से, टाइगर के संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में महत्वपूर्ण पहलू विकसित किए जा सकते हैं, साथ ही पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए नये अवसर भी उत्पन्न किए जा सकते हैं।
Post a Comment